Introduction
कोरोना वायरस महामारी ने हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित किया है, और शिक्षा प्रणाली भी इससे अछूती नहीं रही। स्कूलों के बंद होने के कारण 250 मिलियन बच्चे कक्षाओं से बाहर हो गए हैं, जिससे Digital Learning की मांग तेजी से बढ़ी है। Educational Technology (EdTech) एक नई दिशा में बढ़ रही है और इसने न केवल छात्रों के लिए सीखने के तरीके को बदलने का अवसर दिया है, बल्कि इसके साथ ही यह शिक्षकों और शिक्षा प्रणाली के प्रबंधन के लिए भी नई संभावनाएँ खोल रही है। आइए, हम इस दिशा में एक महत्वपूर्ण बातचीत पर नज़र डालते हैं, जिसमें Sridhar Rajagopalan, Educational Initiatives (EI) के Co-founder और Chief Learning Officer, ने EdTech के भविष्य और इसके प्रभावों पर अपने विचार साझा किए हैं।
Full News
EdTech का सफर
Sridhar Rajagopalan ने बताया कि लगभग एक दशक पहले, जब उन्होंने तकनीक के माध्यम से शिक्षा में सुधार पर एक प्रस्तुति दी थी, तो उनके सवाल मुख्य रूप से प्रणाली की संचालन क्षमता को बढ़ाने के इर्द-गिर्द थे। उस समय, तकनीक को स्मार्ट क्लासरूम और शिक्षकों की मदद के लिए देखा जाता था। लेकिन अब हर छात्र तकनीक का उपयोग करके आत्म-शिक्षण कर सकता है, जो एक महत्वपूर्ण बदलाव है।
लर्निंग आउटकम्स पर ध्यान
Sridhar का मानना है कि EdTech का सही इस्तेमाल करने के लिए, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे लक्ष्य समझदारी से सीखने पर केंद्रित हों, न कि केवल परीक्षा के लिए। इसके लिए, उत्पादों का निर्माण मजबूत शैक्षणिक अनुसंधान पर आधारित होना चाहिए। उन्होंने बताया कि अगर सरकार यह सुनिश्चित कर दे कि अगले 5 वर्षों में हर बच्चे के पास बुनियादी कौशल हों, तो EdTech कंपनियों के लिए एक बड़ा अवसर होगा।
व्यक्तिगत शिक्षा की शक्ति
Sridhar ने स्पष्ट किया कि व्यक्तिगत शिक्षा केवल तकनीक के माध्यम से ही संभव नहीं है, बल्कि इसके लिए शिक्षकों और छात्रों के बीच एक सक्रिय संवाद की आवश्यकता है। यह महत्वपूर्ण है कि यदि दो बच्चे एक ही विषय में संघर्ष कर रहे हैं, तो उनके लिए अलग-अलग समाधान निकाले जाएँ।
डिजिटल डिवाइड को भरना
EdTech केवल तकनीक के माध्यम से ही नहीं, बल्कि सरकार के प्रयासों के साथ मिलकर काम कर सकता है। उन्होंने उदाहरण दिया कि जब उन्होंने एक बुनियादी संख्यात्मक समाधान पेश किया, तो केवल 30% लक्षित जनसंख्या के पास स्मार्टफोन थे।
प्रमाणन प्रणाली की आवश्यकता
Sridhar ने कहा कि भारत को EdTech में वैश्विक स्तर पर नेतृत्व करने के लिए कुछ प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करना होगा। इसमें प्रभावी उत्पादों का प्रमाणन और शिक्षा में बुनियादी कौशलों की कमी को दूर करना शामिल है।
Conclusion
Sridhar Rajagopalan की बातचीत से यह स्पष्ट होता है कि EdTech की क्षमता केवल तकनीक तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक ठोस शैक्षणिक आधार और सरकारी समर्थन की आवश्यकता है। यदि हम इन चुनौतियों का सामना कर सकते हैं, तो EdTech न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर शिक्षा में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है।
FAQs Section
1. EdTech क्या है?
EdTech का अर्थ है Educational Technology, जो शिक्षा में तकनीक का उपयोग करने की प्रक्रिया है। यह शिक्षकों और छात्रों दोनों के लिए शैक्षिक अनुभव को बेहतर बनाने का प्रयास करता है।
2. EdTech कैसे शिक्षा प्रणाली को प्रभावित करता है?
EdTech शिक्षा प्रणाली को डिजिटल माध्यम से सीखने के नए अवसर प्रदान करता है, जिससे छात्रों को आत्म-शिक्षण और व्यक्तिगत शिक्षा का फायदा मिलता है।
3. क्या EdTech केवल शहरी क्षेत्रों के लिए है?
नहीं, EdTech का उद्देश्य सभी छात्रों तक पहुंचना है, चाहे वे किसी भी क्षेत्र में हों। हालांकि, डिजिटल डिवाइड को खत्म करने के लिए सरकार के सहयोग की आवश्यकता है।
4. व्यक्तिगत शिक्षा क्या होती है?
व्यक्तिगत शिक्षा एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें छात्रों को उनके व्यक्तिगत सीखने की जरूरतों के अनुसार शिक्षण सामग्री और संसाधन प्रदान किए जाते हैं।
5. भारत में EdTech के भविष्य के लिए क्या आवश्यक है?
भारत में EdTech के भविष्य के लिए एक मजबूत प्रमाणन प्रणाली, शिक्षा में बुनियादी कौशलों का विकास और सरकारी स्तर पर शिक्षा में सुधार की आवश्यकता है।
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Tags: EdTech, Education, Technology, Digital Learning, India, COVID-19, Educational Initiatives, Learning Outcomes, Personalised Learning.
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