Introduction:
विज्ञान की दुनिया में कई बार ऐसे क्षण आते हैं जो हमारे ज्ञान की सीमाओं को चुनौती देते हैं। हाल ही में, वैज्ञानिकों ने इलेक्ट्रॉनों के एक नई जोड़ी बनाने की अनोखी विधियों पर विचार किया, जो हमें इस रहस्यमय क्षेत्र में और गहराई से जाने का अवसर देती है। एक नई सुपरकंडक्टर सामग्री के विकास ने हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हम अब उच्च तापमान पर सुपरकंडक्टिविटी की परिभाषाएँ बदलने के करीब हैं। यह कहानी हमें ले जाती है फिजिक्स की नई खोजों और उन अनोखे प्रयोगों की ओर जो विज्ञान की दिशा को बदल सकते हैं।
Full Article:
हाल के वर्षों में, उच्च तापमान सुपरकंडक्टर्स के अध्ययन में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है। वैज्ञानिकों ने देखा कि जब परमाणु एक विशेष तरीके से व्यवस्थित होते हैं, तो इलेक्ट्रॉनों की गति धीमी हो जाती है। जब इलेक्ट्रॉन एक दूसरे के साथ मिलते हैं, तो वे एक अनोखी इलेक्ट्रिक फील्ड उत्पन्न करते हैं, जिससे वे एक-दूसरे को धकेलने के बजाय जोड़ने लगते हैं। विशेष रूप से, "cuprates" में, वैज्ञानिकों का मानना है कि इलेक्ट्रॉन एक विशेष तरीके से परमाणुओं के बीच कूदते हैं, जो जोड़ी बनाने को बढ़ावा देता है।
2018 में, MIT के फिजिसिस्ट पाब्लो जारिलो-हेरेरो ने एक नई सुपरकंडक्टर की खोज की। यदि आप कार्बन के परमाणुओं की एक शीट को एक हनीकॉम्ब लैटिस में व्यवस्थित करते हैं और उसे 1.1 डिग्री पर घुमाते हैं, तो वह सुपरकंडक्टिव हो जाती है। इसे "मैजिक एंगल" ग्राफीन कहा जाता है। शोधकर्ताओं ने देखा कि 2D सामग्री में विविध व्यवहारों का अन्वेषण करने से उन्हें विभिन्न परमाणु लैटिस के प्रभावों को जल्दी से दोहराने का अवसर मिला।
कुछ वर्षों बाद, कैलिफोर्निया के एक समूह ने "मैजिक एंगल" को हटा दिया और पाया कि तीन परतों वाले, बिना घुमाए गए ग्राफीन उपकरण भी सुपरकंडक्टिव हो सकते हैं। वैज्ञानिक अब भी यह समझने के लिए चर्चा कर रहे हैं कि क्यों इलेक्ट्रॉन इन मामलों में एक साथ जुड़ते हैं। फिजिसिस्टों ने यह पाया कि इलेक्ट्रॉनों के बीच के संबंध को समझने के लिए एक नया दृष्टिकोण आवश्यक है।
हाल ही में, Columbia University के फिजिसिस्ट कोरी डीन और उनकी टीम ने एक अन्य 2D क्रिस्टल – एक हनीकॉम्ब व्यवस्था जिसमें दो प्रकार के परमाणु हैं, को स्टैक किया और देखा कि जब उन्होंने इसे 5 डिग्री पर घुमाया, तो इसका प्रतिरोध शून्य की ओर बढ़ गया। यह सुपरकंडक्टिविटी का एक संदेहास्पद संकेत था।
लेकिन क्या वास्तव में इलेक्ट्रॉन जोड़ियों का निर्माण कर रहे थे? डीन और उनकी टीम ने एक प्रयोग में देखा कि जब मोइरे के बड़े सेल में एक इलेक्ट्रॉन होता है, तो ये "एंटीफेरोमैग्नेटिक" व्यवस्था में आते हैं। जब अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन जोड़े जाते हैं, तो प्रतिरोध शून्य हो जाता है, जिससे पता चलता है कि "कूपर जोड़ी" बन गई है।
डीन के समूह ने इस नई खोज को वैज्ञानिक पत्रिकाओं में प्रकाशित किया, लेकिन इसे पहले ठुकरा दिया गया था। अब, चार वर्षों के बाद, उन्होंने एक नया उपकरण बनाया और देखा कि यह सुपरकंडक्टिव हो गया। यह उनके लिए एक सच्ची जीत थी।
Cornell University के Jie Shan और Kin Fai Mak ने भी TMDs में सुपरकंडक्टिविटी की खोज की। उन्होंने विभिन्न प्रकार के TMD क्रिस्टलों को मिलाकर अलग-अलग कोणों और तापमानों का प्रयोग किया। अंततः, उन्होंने एक नई प्रकार की सुपरकंडक्टिविटी की खोज की, जो पहले कभी नहीं देखी गई थी।
Conclusion:
इन अनुसंधानों का मतलब केवल यह नहीं है कि हमने कुछ नए सुपरकंडक्टर खोजे हैं, बल्कि यह भी है कि हम इलेक्ट्रॉनों के व्यवहार को समझने के नए तरीके खोज रहे हैं। भविष्य में, ये खोजें न केवल विज्ञान में, बल्कि प्रौद्योगिकी में भी क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकती हैं। उच्च तापमान पर सुपरकंडक्टर के विकास से ऊर्जा संचयन, ट्रांसपोर्ट, और संचार में नए आयाम खुल सकते हैं।
FAQs Section:
1. सुपरकंडक्टर क्या होते हैं?
सुपरकंडक्टर वे सामग्री हैं जो लगभग शून्य तापमान पर प्रतिरोध को पूरी तरह से खो देती हैं। इसका मतलब है कि वे बिना किसी ऊर्जा के नुकसान के बिजली का प्रवाह कर सकते हैं।
2. इलेक्ट्रॉन जोड़ी क्या होती है?
इलेक्ट्रॉन जोड़ी, जिसे कूपर जोड़ी भी कहा जाता है, दो इलेक्ट्रॉनों का एक समूह होता है जो एक विशेष स्थिति में एक साथ आते हैं, जिससे सुपरकंडक्टर निर्माण होता है।
3. “मैजिक एंगल” ग्राफीन क्या है?
“मैजिक एंगल” ग्राफीन एक विशेष प्रकार का ग्राफीन है जिसे 1.1 डिग्री पर घुमाया जाता है, जिससे यह सुपरकंडक्टिव हो जाता है।
4. TMDs में सुपरकंडक्टिविटी क्यों महत्वपूर्ण है?
TMDs में सुपरकंडक्टिविटी की खोज हमें नए प्रकार के सुपरकंडक्टरों के विकास की दिशा में ले जाती है, जो ऊर्जा की बचत और बेहतर इलेक्ट्रॉनिक्स में मदद कर सकती है।
5. क्या सुपरकंडक्टर का उपयोग दैनिक जीवन में होता है?
हाँ, सुपरकंडक्टरों का उपयोग मैग्लेव ट्रेनों, MRI मशीनों और ऊर्जा ग्रिड में किया जाता है, जिससे वे हमारी दैनिक जिंदगी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
**Tags:**
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