Introduction
सन के कोरोना से बड़े पैमाने पर प्लाज्मा और मैग्नेटिक फील्ड के उत्सर्जन को Coronal Mass Ejections (CMEs) के नाम से जाना जाता है। ये घटनाएँ न केवल हमारे सौर प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि ये पृथ्वी के वातावरण पर भी गहरा प्रभाव डाल सकती हैं। इस लेख में, हम CMEs के अध्ययन में एक नई दिशा की ओर बढ़ रहे हैं, जहाँ वैज्ञानिकों ने Murchison Widefield Array (MWA) का उपयोग करके CME के प्लाज्मा के Gyrosynchrotron (GS) उत्सर्जन का अध्ययन किया है। आइए जानते हैं इस अनुसंधान के बारे में विस्तार से।
Full Article
CMEs सौर कोरोना से प्लाज्मा और मैग्नेटिक फील्ड के विशाल उत्सर्जन होते हैं। इनकी भौतिकी को समझने के लिए CME प्लाज्मा में शामिल मैग्नेटिक फील्ड का अध्ययन करना आवश्यक है। पिछले कुछ वर्षों में, GS उत्सर्जन के स्पेक्ट्रल मॉडलिंग को CME के मैग्नेटिक फील्ड का अनुमान लगाने के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीक माना गया है। हालांकि, सूर्य के निकट बहुत कम फ्लक्स घनत्व GS उत्सर्जन का इमेजिंग करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य रहा है।
2001 में Batian et al. द्वारा CME प्लाज्मा से GS उत्सर्जन का पहला पता लगाने के बाद, कुछ ही अध्ययनों ने इस उत्सर्जन का सफलतापूर्वक अध्ययन किया है। हालाँकि, MWA की उच्च डायनैमिक रेंज इमेजिंग क्षमताओं ने इस चुनौती को हाल ही में हल किया है। MWA से प्राप्त उच्च डायनैमिक रेंज स्पेक्ट्रोपोलारिमेट्रिक मीटर वेवलेन्थ सौर इमेजों का उपयोग करते हुए, CME से GS उत्सर्जन को लगभग 8.3 सौर रेडियस तक देखा गया है।
इस अध्ययन में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पहली बार सर्कुलर पोलराइजेशन (Stokes V) का पता लगाने के साथ-साथ कुल तीव्रता (Stokes I) स्पेक्ट्रा का उपयोग GS मॉडल को संकुचित करने के लिए किया गया है। शोधकर्ताओं ने पाया कि पूर्ववर्ती काम में उपयोग किए गए समरूप GS मॉडल, जो एक समान वितरण मानते हैं, कुल तीव्रता और सर्कुलर पोलराइजेशन उत्सर्जन दोनों को एक साथ मॉडल करने में असमर्थ हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि हमें CME मैग्नेटिक फील्ड और प्लाज्मा पैरामीटर का सही अनुमान लगाने के लिए विषम GS मॉडलों का उपयोग करने की आवश्यकता है।
अवलोकन का संक्षिप्त विवरण
इस अध्ययन में, CME की गति लगभग 490 किमी/सेकंड थी, लेकिन यह LASCO कोरोनाग्राफ छवियों में बहुत फीका था। इसे LASCO CDAW कैटलॉग में एक आंशिक-हेलो घटना के रूप में रिपोर्ट किया गया था। यह CME दक्षिण-पश्चिम सक्रिय क्षेत्र (AR 12047) से निकली, जिसे Solar Dynamics Observatory (SDO) के Atmospheric Imaging Assembly (AIA) द्वारा देखा गया। MWA से उपलब्ध रेडियो अवलोकनों ने 80 से 240 मेगाहर्ट्ज के बीच की आवृत्तियों को कवर किया।
MWA द्वारा प्रदान की गई उच्च डायनैमिक रेंज स्पेक्ट्रोपोलारिमेट्रिक छवियों ने CME के पीछे रेडियो उत्सर्जन का पता लगाने में मदद की। यह उत्सर्जन CME के अग्रणी किनारे के पीछे देखा गया, जिसे स्थानीय पुन: संयोजनों के कारण होने की संभावना है।
स्पेक्ट्रल मॉडलिंग का उपयोग
CME से GS रेडियो उत्सर्जन के लिए, एक समान और समरूप इलेक्ट्रॉनों का वितरण मानने वाला सरल GS मॉडल का उपयोग किया गया। इस अध्ययन में, GS मॉडल के पैरामीटर को Monte-Carlo Markov-Chain (MCMC) आधारित दृष्टिकोण का उपयोग करके संकुचित किया गया।
अध्ययन के परिणाम दर्शाते हैं कि नियमित रूप से उपयोग किए जाने वाले GS मॉडल में कई मान्यताएँ हैं, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण है कि इलेक्ट्रॉन ऊर्जा वितरण को एक ही पॉवर-लॉ के रूप में सीमित करना।
Conclusion
इस अध्ययन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि CME के GS मॉडलिंग में विषम वितरण की आवश्यकता है। भविष्य में, नई पीढ़ी के टेलीस्कोप जैसे Square Kilometre Array Observatory और Next Generation Very Large Array के माध्यम से, हम CME के प्लाज्मा पैरामीटर का और भी बेहतर अनुमान लगा सकेंगे। यह न केवल सौर गतिविधियों की समझ को बढ़ाएगा, बल्कि पृथ्वी पर इसके प्रभावों का भी सही अनुमान लगाने में मदद करेगा।
FAQs Section
1. Coronal Mass Ejections (CMEs) क्या होते हैं?
CMEs सौर कोरोना से प्लाज्मा और मैग्नेटिक फील्ड का बड़ा उत्सर्जन हैं। जब ये घटनाएँ होती हैं, तो यह सूर्य से पृथ्वी की ओर यात्रा कर सकती हैं और हमारे ग्रह के वातावरण पर प्रभाव डाल सकती हैं।
2. Gyrosynchrotron (GS) उत्सर्जन क्या है?
GS उत्सर्जन एक प्रकार का रेडियो उत्सर्जन है जो कि उच्च गति वाले इलेक्ट्रॉनों के कारण होता है। यह CME के प्लाज्मा के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण है।
3. Murchison Widefield Array (MWA) का क्या महत्व है?
MWA एक शक्तिशाली टेलीस्कोप है जो उच्च डायनैमिक रेंज स्पेक्ट्रोपोलारिमेट्रिक इमेजिंग की अनुमति देता है, जिससे CME के GS उत्सर्जन का अध्ययन करना संभव होता है।
4. CME के अध्ययन में Circular Polarization (Stokes V) का क्या महत्व है?
Stokes V का पता लगाने से वैज्ञानिकों को CME के मैग्नेटिक फील्ड और प्लाज्मा के गुणों का बेहतर अनुमान लगाने में मदद मिलती है।
5. भविष्य में CME का अध्ययन कैसे विकसित होगा?
भविष्य में, नए टेलीस्कोप जैसे Square Kilometre Array Observatory के माध्यम से, वैज्ञानिक CME के प्लाज्मा पैरामीटर का और भी बेहतर अनुमान लगा सकेंगे, जिससे सौर गतिविधियों की समझ में सुधार होगा।
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CMEs, Solar Physics, Gyrosynchrotron Emission, Murchison Widefield Array, Plasma Physics, Coronal Mass Ejections, Solar Dynamics, Space Weather
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