उच्च शिक्षा में डेटा का जादू: क्या यह वास्तव में अनिवार्य है?
शिक्षा की दुनिया में, डेटा का महत्व तेजी से बढ़ रहा है। उच्च शिक्षा संस्थानों (HEIs) में डेटा का उपयोग न केवल छात्रों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए किया जा रहा है, बल्कि यह निर्णय लेने की प्रक्रियाओं को भी प्रभावित कर रहा है। लेकिन क्या यह डेटा वास्तव में उतना प्रभावी है जितना कहा जा रहा है? इस लेख में हम इस विषय की गहराई में जाएंगे, यह समझने के लिए कि कैसे डेटा का उपयोग उच्च शिक्षा में किया जा रहा है और इसके पीछे की चुनौतियों का सामना कैसे किया जा सकता है।
डेटा का जादू और इसकी चुनौतियां
हाल के वर्षों में, नीति निर्माता और विश्वविद्यालय के नेता उच्च शिक्षा क्षेत्र में डेटा के महत्व को बढ़ावा दे रहे हैं। छात्र संतोष और व्यक्तिगत अनुभव जैसे मेट्रिक्स को प्राथमिकता दी जा रही है। लेकिन क्या वास्तव में यह डेटा उपयोगी है? हाल ही में एक अध्ययन, जो कि दस अंग्रेजी HEIs में किया गया था, ने यह दर्शाया कि, यद्यपि डेटा के उपयोग के कई दावे किए गए हैं, लेकिन कुछ गतिविधियों में, जैसे कि ‘sandwich courses’ में, डेटा का उपयोग सीमित है।
डेटा का व्यापक उपयोग न होना
हमारे अध्ययन में शामिल इंटरव्यू में शामिल व्यक्तियों ने बताया कि, जबकि डेटा उपयोगी हो सकता है, वास्तविकता यह है कि डेटा का व्यापक उपयोग नहीं हो रहा है। इस स्थिति के पीछे तीन मुख्य कारण थे:
- डेटा का अभाव: कई HEIs में, संबंधित डेटा एकत्र नहीं किया जा रहा है।
- विश्लेषण का अभाव: कुछ HEIs में डेटा एकत्रित किया जाता है, लेकिन उसे विश्लेषित नहीं किया जाता।
- सीमित विश्लेषण: केवल कुछ सामाजिक विशेषताओं पर डेटा एकत्रित किया जाता है, जिससे व्यापक जानकारी प्राप्त नहीं होती।
डेटा उपयोग की बाधाएं
साक्षात्कारों के दौरान, सबसे सामान्य बाधा ‘संस्थागत क्षमता की कमी’ सामने आई। कई शिक्षकों ने बताया कि उनके पास डेटा प्रणाली का अभाव है। उदाहरण के लिए, एक शिक्षिका ने कहा कि उनका संस्थान अभी भी Excel पर निर्भर है, जिससे डेटा संग्रह और विश्लेषण में कठिनाई होती है।
इसके अतिरिक्त, ‘बाहरी डेटा’ की प्राथमिकता के कारण आंतरिक डेटा के लिए समय का अभाव हो जाता है। कई शिक्षकों ने बताया कि उन्हें विश्लेषण के लिए डेटा की ‘अनुरोध’ करनी पड़ती है, जो अक्सर अस्वीकृत हो जाती है।
संस्थागत संस्कृति की भूमिका
डेटा उपयोग की एक और बाधा संस्थान की संस्कृति है। कई शिक्षकों ने बताया कि उनके संस्थान में डेटा संग्रह केवल कुछ सीमित चर पर आधारित है, जिससे व्यापक जानकारी प्राप्त नहीं हो पाती। इस तरह की चुनौतियों के कारण, छात्रों की सहभागिता और उनके अनुभव की वास्तविकता अक्सर अदृश्य रह जाती है।
निष्कर्ष
इस अध्ययन ने स्पष्ट किया है कि, यद्यपि डेटा का उपयोग उच्च शिक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, लेकिन इसकी वास्तविकता जटिल है। कई HEIs में डेटा का उपयोग उतना व्यापक नहीं है जितना कहा जा रहा है। इस स्थिति का निवारण करने के लिए, HEIs को अपनी डेटा संग्रह और विश्लेषण प्रणाली को सशक्त बनाना होगा। केवल तभी वे छात्रों की सहभागिता और अनुभव में सुधार कर पाएंगे।
FAQs
1. डेटा उपयोग का क्या महत्व है?
डेटा उपयोग का प्रमुख उद्देश्य छात्रों के अनुभव को बेहतर बनाना और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं को सशक्त करना है। यह उच्च शिक्षा संस्थानों को उनकी गतिविधियों की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने में मदद करता है।
2. ‘Sandwich courses’ क्या होते हैं?
‘Sandwich courses’ वे पाठ्यक्रम होते हैं जिनमें छात्र अपनी डिग्री के तीसरे वर्ष में एक वर्ष का कार्य अनुभव प्राप्त करते हैं। यह पाठ्यक्रम छात्रों को व्यावहारिक अनुभव के साथ-साथ अकादमिक ज्ञान देने का अवसर प्रदान करता है।
3. डेटा उपयोग में मुख्य बाधाएं क्या हैं?
मुख्य बाधाएं संस्थागत क्षमता की कमी, डेटा का अभाव और बाहरी डेटा की प्राथमिकता हैं। ये सभी कारक आंतरिक डेटा संग्रह और विश्लेषण को प्रभावित करते हैं।
4. उच्च शिक्षा संस्थानों को डेटा उपयोग कैसे सुधारना चाहिए?
HEIs को अपनी डेटा संग्रह और विश्लेषण प्रणालियों को सशक्त बनाना चाहिए। इसके लिए उन्हें तकनीकी संसाधनों में निवेश करने और डेटा संस्कृति को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
5. डेटा का उपयोग कैसे किया जा सकता है?
डेटा का उपयोग संस्थानों को यह समझने में मदद कर सकता है कि कौन से छात्र पाठ्यक्रमों का लाभ उठा रहे हैं और कौन से छात्र हाशिए पर हैं। यह जानकारी संस्थानों को नीतियों और कार्यक्रमों में सुधार करने में मदद कर सकती है।
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