Introduction
क्या आप जानते हैं कि जब अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी के सुरक्षित वातावरण से बहुत दूर यात्रा करते हैं, तो उनके साथ क्या होता है? यह सवाल न केवल वैज्ञानिकों के लिए, बल्कि भविष्य के मानव मिशनों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है, खासकर चंद्रमा और मंगल पर, जहां अंतरिक्ष विकिरण एक बड़ा खतरा है। ESA, जर्मन एयरोस्पेस सेंटर (DLR), और NASA ने मिलकर एक अनोखा प्रयोग किया है, जिसने हमें इस चुनौती के बारे में नई जानकारी दी है। आइए, हम इस रोमांचक यात्रा के बारे में जानते हैं।
Full Article
ESA, NASA और DLR ने एक अनूठे प्रयोग को Artemis I मिशन में शामिल किया, जो बिना क्रू के चंद्रमा के चारों ओर 25 दिन की यात्रा पर निकला। इस मिशन में दो विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए मैनिकिन, जिन्हें Helga और Zohar कहा जाता है, ने अंतरिक्ष विकिरण के संपर्क में आने के लिए यात्रा की। इन मैनिकिनों में 12,000 से अधिक विकिरण सेंसर लगे हुए थे, जो उन्हें वास्तविक अंतरिक्ष यात्रियों की तरह विकिरण के स्तर को मापने में मदद करते हैं।
जब Helga और Zohar ने उड़ान के 13वें दिन 432,218 किलोमीटर की दूरी तय की, तो यह मानवता द्वारा अंतरिक्ष में की गई सबसे दूर की यात्रा बन गई। प्रारंभिक निष्कर्षों ने यह दिखाया कि Orion स्पेसक्राफ्ट में विकिरण के संपर्क के विभिन्न पैटर्न हैं।
Helga बिना किसी सुरक्षा के यात्रा कर रही थी, जबकि Zohar ने एक विशेष सुरक्षा वस्त्र पहना था, जो अंतरिक्ष यात्रियों को विकिरण से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया था। यह सेटअप वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद करता है कि कितनी सुरक्षा आवश्यक है।
अंतरिक्ष में विकिरण से सुरक्षा के बारे में जो परिणाम मिले, वे बेहद महत्वपूर्ण थे। स्पेसक्राफ्ट में विभिन्न स्थानों पर लगाए गए डिटेक्टरों ने दिखाया कि कुछ क्षेत्रों में सुरक्षा अधिक थी, जो कम सुरक्षा वाले क्षेत्रों की तुलना में चार गुना अधिक सुरक्षा प्रदान कर सकती थी।
एक महत्वपूर्ण सौर कण घटना के दौरान, सबसे अधिक सुरक्षा वाले क्षेत्रों में विकिरण स्तर 150 मिलीसीवर्ट से नीचे रहा, जो कि अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर एक वर्ष में अंतरिक्ष यात्रियों के अनुभव के समान है। यह परिणाम Orion के डिज़ाइन को मान्यता देता है और आश्वस्त करता है कि यह भविष्य की चंद्र यात्रा में अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित रख सकता है।
Conclusion
इस प्रयोग ने यह साबित कर दिया कि अंतरिक्ष में विकिरण का स्तर कैसे भिन्न हो सकता है और स्पेसक्राफ्ट की दिशा कैसे सुरक्षा को प्रभावित कर सकती है। ESA की इस पहल ने न केवल चंद्रमा पर मानव यात्रा के लिए महत्वपूर्ण जानकारी दी है, बल्कि इसे गहरी अंतरिक्ष की यात्रा के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। Helga और Zohar के अनुभवों से हमें यह समझने में मदद मिली है कि अंतरिक्ष यात्रा के लिए हम कैसे बेहतर तैयारी कर सकते हैं।
FAQs Section
1. Helga और Zohar कौन हैं?
Helga और Zohar दो जीवन-आकार के मैनिकिन हैं, जो महिला शरीर के आकार को दर्शाते हैं। इन्हें विशेष विकिरण सेंसर के साथ तैयार किया गया है, ताकि ये अंतरिक्ष में विकिरण के संपर्क को माप सकें।
2. Artemis I मिशन में क्या हुआ?
Artemis I मिशन ने बिना क्रू के चंद्रमा के चारों ओर 25 दिन की यात्रा की। इस दौरान Helga और Zohar ने विकिरण के संपर्क में आने के लिए विभिन्न स्थानों पर परीक्षण किए।
3. विकिरण सुरक्षा के लिए क्या विशेषताएँ हैं?
विकिरण सुरक्षा के लिए, विशेष वस्त्रों का उपयोग किया जाता है, जो अंतरिक्ष यात्रियों को विकिरण से बचाने में मदद करते हैं। Zohar ने इस प्रकार के एक वस्त्र का परीक्षण किया।
4. Orion स्पेसक्राफ्ट में विकिरण स्तर कैसे मापा गया?
Orion स्पेसक्राफ्ट में विभिन्न स्थानों पर डिटेक्टर लगाए गए थे, जो विकिरण के स्तर को लगातार मापते थे। इससे वैज्ञानिकों को बेहतर सुरक्षा क्षेत्रों की पहचान करने में मदद मिली।
5. ESA का योगदान क्या था?
ESA ने इस प्रयोग में सक्रिय डोसिमेटर्स के माध्यम से योगदान दिया, जो अंतरिक्ष में विकिरण के संपर्क को लगातार मापते हैं। यह तकनीक भविष्य की चंद्रमा यात्रा के लिए सुरक्षा उपायों को बेहतर बनाने में मदद करेगी।
**Tags**
Space, Astronauts, Radiation, Artemis I, ESA, NASA, Helga, Zohar, Deep Space Exploration, Lunar Missions, Cosmic Radiation.
आप हमारे अन्य लेखों को पढ़ने के लिए [यहां क्लिक करें](https://www.vidyamag.com)